MS Dhoni के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा, आज होगी सुनवाई

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MS Dhoni

MS Dhoni (एमएस धोनी) के पूर्व बिजनेस पार्टनर मिहिर दिवाकर और उनकी पत्नी सौम्या दास ने उनके खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर किया है। दिवाकर और उनकी पत्नी ने धोनी और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और कई मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ मामला दायर किया और उनके खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान प्रकाशित करने और प्रसारित करने से रोकते हुए स्थायी निषेधाज्ञा और क्षतिपूर्ति की मांग की है।

दिवाकर और दास की शिकायत के अनुसार, “धोनी द्वारा कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये के अवैध लाभ और 2017 के अनुबंध के उल्लंघन के संबंध में लगाए गए झूठे आरोपों के संबंध में प्रतिवादियों को वादी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने से रोका जाना चाहिए।” हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 18 जनवरी यानी आज बुधवार को निर्धारित की है।

हाल ही में, धोनी ने दिवाकर और दास के खिलाफ 16 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। धोनी के वकील के अनुसार, पति-पत्नी ने क्रिकेट अकादमियों की स्थापना के अनुबंध का सम्मान नहीं किया। अरका स्पोर्ट्स के निदेशक दिवाकर और दास के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत रांची की अदालत में मामला दायर किया गया था।

एमएस धोनी, जो चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान के रूप में पांचवीं ट्रॉफी जीतने के बाद आईपीएल इतिहास में संयुक्त रूप से सबसे सफल कप्तान कहलाए जाते है। धोनी 2019 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि 2024 का आईपीएल उनका आखिरी क्रिकेट सत्र हो सकता है। इस आईपीएल को खेलने के बाद शायद क्रिकेट से पूरी तरह संन्यास ले लें। धोनी की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट ने बुलंदियों को छुआ है। उन्हें कैप्टन कूल भी कहा जाता है। वो सबसे अच्छे मैच फिनिशर भी कहे जाते हैं। धोनी ने अक्सर ऐसे मैच जिताए हैं जिनके बारे में यह मान लिया गया था कि भारत हार चुका है।

धोनी जब कैप्टन थे तो वो ऐसी व्यूह रचना करते थे कि विरोधी कप्तान और कोच देखते रह जाते थे। वो अक्सर सरप्राइज देकर मैच जीत लिया करते थे। धोनी जितनी अच्छी बैटिंग कर थे उससे कहीं अधिक अच्छी विकेट कीपिंग करते थे। उनकी निगाह इतनी तेज होती थी कि अगर उन्होंने आउट मांग लिया है तो थर्ड अंपायर भी उसे आउट ही करार देता था। इसलिए धोनी के जमाने में डीआरएस को धोनी रिव्यू सिस्टम कहा जाने लगा था। बहरहाल, अब कोर्ट कचहरी की पिच पर धोनी की परफॉरमेंस कैसी रहती है यह न्यायालय निर्धारित करेगा।

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