Supreme Court ने खारिज की सोरेन की जमानत याचिका, अब केजरीवाल का क्या होगा

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को “निरर्थक” करार देते हुए खारिज कर दिया है। सोरेन की याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की धुकधुकी बढ़ गई है। क्यों कि सोरेन की याचिका पर फैसला सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनाया है। इसी पीठ के सामने अरविंद केजरीवाल की याचिका लगी हुई है। बेंच को केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर फैसला करना है। सोरेन और केजरीवाल के खिलाफ एक जैसे ही आरोप हैं। सोरेन भी 10 सम्मन भेजे जाने के बावजूद ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे और केजरीवाल भी 9 सम्मन भेजे जाने के बाद भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे।

इसी साल फरवरी में सोरेन की जमानत याचिका सुरक्षित रखने के बावजूद उच्च न्यायालय द्वारा उस पर कोई आदेश पारित नहीं किए जाने के बाद सोरेन ने याचिका दायर की थी। अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी को चुनौती एचसी के फैसले के खिलाफ एक नई याचिका में उठाई जा सकती है।

झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी रिट याचिका को खारिज करने और उन्हें जमानत देने से इनकार करने के बाद सोरेन ने 7 मई को अदालत का रुख किया।

यह दूसरी बार है जब झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने पहले सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. अदालत ने पहले अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली सोरेन की याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि उन्हें उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए, क्योंकि ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सीधे विचार करना उचित नहीं होगा।

कथित भूमि घोटाले से उत्पन्न धन शोधन के आरोप में सात घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।

अपनी गिरफ्तारी से पहले, सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उनके वरिष्ठ पार्टी सहयोगी चंपई सोरेन ने उनसे पदभार संभाला।

ईडी ने कहा है कि सोरेन की गिरफ्तारी झारखंड में “माफिया द्वारा जमीन के स्वामित्व में अवैध परिवर्तन के एक बड़े रैकेट” से जुड़ी है। इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 2011 बैच की आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के डिप्टी कमिश्नर थे। (लीगल)

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