Supreme Court

EVM और VVPAT पर Supreme Court का बड़ा फैसला, शत-प्रतिशत मिलान की मांग खारिज

लीगल
Supreme Court ने आज वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल – वीवीपीएटी की पर्चियों के साथ इलेक्‍ट्रोनिक वोटिंग मशीन- ईवीएम के आंकड़ों के शत-प्रतिशत मिलान वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।

यह फैसला न्‍यायाधीश संजीव खन्‍ना और दीपांकर दत्‍ता की एक पीठ ने सुनाया। हालांकि 18 अप्रैल को इन मामलों पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।

निर्वाचन आयोग से पीठ द्वारा कुछ तकनीकी स्‍पष्‍टीकरण मांगे जाने के कारण 24 अप्रैल को इन मामलों को फिर सूचीबद्ध किया गया था। निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए स्‍पष्‍टीकरण पर विचार करते हुए आज फैसला सुनाया गया।

फैसले को लेकर न्‍यायाधीश खन्‍ना ने कहा कि बैलेट पेपर से मतदान कराने और ईवीएम – वीवीपीएटी की पूर्ण जांच तथा वीवीपीएटी की पर्ची को मतदाताओं को देने की याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं।

सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने निर्वाचन आयोग के लिए दो निर्देश दिए। न्‍यायालय ने कहा कि ईवीएम में सिंबल्‍स लोड किए जाने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट – एसएलयू को सील करके कंटेनरों में सुरक्षित रख लिया जाना चाहिए।

इस सील पर उम्‍मीदवार और उनके प्रति‍निधियों के हस्‍ताक्षर होने चाहिए। सील किए गए कंटेनरों को परिणाम घोषित होने के कम से कम 45 दिनों तक ईवीएम के साथ स्‍टोर रूम में रखा जाना चाहिए।

उन्‍हें ईवीएम की तरह ही खोला और सील किया जाना चाहिए। अन्‍य निर्देश में न्‍यायालय ने कहा कि ईवीएम के पांच प्रतिशत में बर्न्‍ट मेमोरी सेमीकंट्रोलर, कंट्रोल यूनिट है।

दो या तीन उम्‍मीदवारों के लिखित अनुरोध पर परिणामों की घोषणा के बाद ईवीएम निर्माता के इंजीनियरों द्वारा प्रत्‍येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के हिसाब से बैलेट यूनिट और वीवीपीएटी की जांच और सत्‍यापन किया जाना चाहिए। इस प्रकार का अनुरोध परिणामों की घोषणा के बाद सात दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।

इस प्रकार के अनुरोध पर होने वाले खर्च को उम्‍मीदवार वहन करेगा। यदि ईवीएम से छेडछाड की गई है तो वह खर्च उम्‍मीदवार को लौटा दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *