Cash for Query के आरोपों से घिरीं टीएमसी की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा मामले की जांच कर रही एथिक्स कमेटी ने उनकी संसद सदस्यता से निष्कासित करने की सिफारिश की है। समिति ने भारत सरकार द्वारा मामले की विधि सम्मत, सघन, संस्थागत और समयबद्ध जांच की सिफारिश भी की है। को ये रिपोर्ट समिति के सभी सदस्यों को भी भेजी जा चुकी है। आज गुरुवार शाम 4 बजे लोक सभा अध्यक्ष एक बैठक करेंगे, जिसमें ये तय होगा कि एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या नहीं।
एथिक्स कमेटी की सिफ़ारिशों को देखते हुए लग रहा है कि महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता पर खतरा बढ़ गया है, हालांकि इस पर निर्णय गुरुवार (आज) शाम को आयोजित बैठक में लिया जाएगा। माना जा रहा है कि इस सिफारिश पर संसद सदस्यों का रुख अलग हो सकता है। ऐसा भी समझा जा रहा है कि समिति में विपक्षी दलों के सांसद एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर असहमति पत्र जारी कर सकते हैं। विपक्षी दलों के सदस्य उस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या नहीं, इस पर वोटिंग की मांग भी कर सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक एथिक्स कमेटी ने 500 पेज की अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की सदस्यता से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है। ऐसा माना जा रहा है कि विपक्षी दलों की असहमति के बावजूद समिति नेलोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को गंभीर कार्रवाई की सिफारिश की है। गुरुवार की बैठक में इस मुहर लग सकती है। इसके अलावा समिति ने जनता की भावनाएं भड़काने, सभापति और अन्य सदस्यों के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए दानिश अली के व्यवहार की निंदा की। एथिक्स कमेटी में कुल 15 सदस्य हैं। जिनमें बीजेपी के 7, कांग्रेस के 3 और बसपा, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, सीपीएम और जेडीयू के एक–एक सदस्य हैं।
पिछले 2 नवंबर को एथिक्स समिति की बैठक हुई थी, जिसमें महुआ मोइत्रा ने अपना पक्ष रखा था। उसके बाद जब चेयरमैन विनोद सोनकर और समिति के अन्य सदस्यों ने महुआ मोइत्रा से सवाल जवाब किए तो महुआ मोइत्रा के साथ–साथ दानिश अली ने भी समिति के चेयरमैन के खिलाफ असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया था।
महुआ मोइत्रा पर मुंबई के बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने और सदन के अंदर अडाणी समूह और पीएम मोदी को टारगेट करने का आरोप लगा है। महुआ पर यह आरोप बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाया था। एथिक्स कमेटी ने इस संबंध में निशिकांत दुबे और महुआ मोइत्रा के एक्स देहदरानी के बयान भी दर्ज किए थे।