Spiritual Spirit: सबकुछ मिलने पर भी अधूरापन क्यों- सदगुरु जग्गी वासुदेव
मन की प्रकृति हमेशा ही संग्रह करने की होती है। जब यह स्थूलरूप में होता है तो च़ीजों का संग्रह करना चाहता है, जब यह थोड़ा–सा विकसित होता है तो ज्ञान का संग्रह करना चाहता है।वे सारी बातें जिन्हें आप सोचते और महसूस करते हैं तथा स्वयं के बीच जब एक दूरी बनाने लगते हैं […]
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