Helicopter Crash: उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थल केदारनाथ और त्रियुगीनारायण के बीच रविवार 15 जून की सुबह एक भीषण हेलिकॉप्टर दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई। यह हादसा खराब मौसम और तकनीकी खराबी के कारण हुआ माना जा रहा है। आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का हेलिकॉप्टर बद्रीनाथ से त्रियुगीनारायण की ओर जा रहा था, जैसे ही यह गौरीकुंड के ऊपर गुजरा तो जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हेलिकॉप्टर ने सुबह करीब 5:20 बजे उड़ान भरी थी, लेकिन कुछ ही मिनटों बाद यह नियंत्रण खो बैठा और जंगल में जा गिरा, जिसके बाद उसमें आग लग गई। हादसे में सवार सात लोगों में से पांच की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। मृतकों में चार यात्री और एक पायलट शामिल हैं, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
उत्तराखंड पुलिस और स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) की टीमें तत्काल घटनास्थल पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया। गढ़वाल रेंज के इंस्पेक्टर जनरल राजीव स्वरूप ने बताया, “हादसा एक दुर्गम क्षेत्र में हुआ है, जिसके कारण बचाव कार्य में चुनौतियां आ रही हैं। हमारी टीमें पूरी कोशिश कर रही हैं।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और सोशल मीडिया पर लिखा, “यह एक दुखद घटना है। घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।” उन्होंने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए हैं।
यह उत्तराखंड में पिछले 40 दिनों में हेलिकॉप्टर से संबंधित पांचवां हादसा है। इससे पहले मई में गंगोत्री धाम जाते समय एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तराखंड की जटिल भौगोलिक स्थिति, संकरी घाटियां और अचानक बदलने वाला मौसम हेलिकॉप्टर संचालन को जोखिम भरा बनाता है।
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इस हादसे के बाद आर्यन एविएशन की उड़ानों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है और जांच शुरू कर दी है। यह भी चर्चा है कि चारधाम यात्रा के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जा सकती है।
स्थानीय लोग और तीर्थयात्री इस हादसे से स्तब्ध हैं। एक स्थानीय निवासी रमेश नेगी ने कहा, “यहां हेलिकॉप्टर सेवाएं तीर्थयात्रियों के लिए सुविधा हैं, लेकिन बार-बार होने वाले हादसे चिंता का विषय हैं।”
बचाव कार्य अभी भी जारी है, और प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। इस हादसे ने एक बार फिर उत्तराखंड में हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं।