याची का तर्क है कि सिर्फ इतने से ही बदलाव से हाईकोर्ट 1737 पेड़ और 15.49 करोड़ लीटर पानी बचा सकता है। याची ने बताया कि अमेरिका और इंग्लैंड के सुप्रीम कोर्ट ए-4 पेपर का उपयोग कर रहे हैं।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करते हुए अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे नियमों को बदल कर लीगल पेपर के स्थान पर ए-4 कागज के इस्तेमाल व दोनों ओर प्रिंटिंग की अनुमति मांगी गई है। हाईकोर्ट को बताया गया कि केवल इतना बदलाव करके हर साल 1737 पेड़ व 15.49 करोड़ लीटर पानी बचाया जा सकता है।
याची ने कहा कि अमेरिका और इंग्लैंड के सुप्रीम कोर्ट स्वयं ए-4 आकार के पेपर का उपयोग कर रहे हैं और हम आज भी औपनिवेशिक परंपरा को ढो रहे हैं। हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में दाखिल इस याचिका पर जल्द सुनवाई संभव है।
चंडीगढ़ निवासी विवेक तिवारी ने एडवोकेट अभिषेक मल्होत्रा के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट में ए-3 साइज की जगह ए-4 कागज का इस्तेमाल करने की मांग की है। याची ने कहा कि ए-3 पेपर के इस्तेमाल से न केवल कागज की जमकर बर्बादी हो रही है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है।
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