राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पंचायती राज विधेयक (संशोधन) विधेयक, संविधान (जम्मू कश्मीर) अनुसूचित जातियां आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 और संविधान (जम्मू कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक पर एकसाथ चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित किया गया। बता दें कि लोकसभा में ये विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं।
‘कश्मीर को लेकर विपक्ष के आरोपों में सच्चाई नहीं’
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने विधेयकों पर हुई चर्चा के जवाब दिए और फिर उसके बाद इन्हें राज्यसभा ने मंजूरी दी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ‘जम्मू कश्मीर स्थानीय निकाय कानून (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर हुई चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर विपक्षी सदस्यों ने जो भी आरोप लगाए हैं उनमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद वहां विकास को गति मिली है और केंद्रशासित प्रदेश मुख्यधारा में जुड़ा है।
‘कश्मीर से 370 हटने के बाद हुए जरूरी बदलाव’
राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के बाद वहां महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं तथा शांति, सुरक्षा और विकास सहित सामाजिक एवं आर्थिक आयामों में सुधार देखे गये हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई परियोजना, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों में बेहतरीन विकास हुआ है तथा सामाजिक कल्याण के लिए कार्य हुआ है।
राय ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 देश की एकता व अखंडता में बाधा थी और उस कलंक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाप्त किया।’ उन्होंने कहा कि कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर में भी काफी सुधार हुआ है, औद्योगिक विकास भी हुआ है, जिसके कारण उत्पादन और पर्यटन में भी वृद्धि हुई है।
‘4 लाख से ज्यादा रोजगार के मौके पैदा होंगे’
राय ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद 3,362 प्रस्ताव औद्योगिक क्षेत्र के लिए आए है और करीब 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं तथा इससे 4 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा, ‘5000 करोड़ से ज्यादा के निवेश हो चुके हैं।
मोदी सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि जम्मू कश्मीर में हिंसा, पत्थरबाजी, हत्या एवं अन्य आतंकवादी घटनाओं में गिरावट आई है। जम्मू कश्मीर के लोगों ने मोदी सरकार पर भरोसा किया है। इस विधेयक का उद्देश्य स्थानीय निकाय चुनावों में निष्पक्षता और समावेशिता के सिद्धांतों को कायम करना है।’
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