मंगलवार को भारत की Big Breaking News सुप्रीम कोर्ट से आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले में हिंडनबर्ग ग्रुप को क्लीन चिट दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अभी तक दिए गए साक्ष्यों के आधार पर अडानी ग्रुप के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। इसलिए मामला एसआईटी को नहीं सौंपा जाएगा।
इससे पहले जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट और अदाणी ग्रुप के जवाब के बाद सुप्रीम कोर्ट में 4 जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं। इन PILs में अदाणी ग्रुप के खिलाफ तरह-तरह की जांच के आदेश देने की अपील की गई थी।
इन याचिकाओं को सुनने के बाद ही 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने मार्केट रेगुलेटर SEBI को आदेश दिया था कि वो अदाणी ग्रुप के डिस्क्लोजर और शेयरों के भाव में हेरफेर की जांच करे। कोर्ट ने साफ कहा था कि SEBI ये जांच करे कि अदाणी ग्रुप ने मौजूदा नियमों का उल्लंघन किया है कि नहीं।
SEBI ने 25 अगस्त को सौंपी रिपोर्ट में बताया कि उसने 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है, 2 मामलों में जांच विदेशी संस्थाओं से हो रही देरी के चलते पूरी नहीं हो पाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एक स्वतंत्र कमिटी बनाने का निर्देश दिया था। इस कमिटी को अदाणी मामले में मार्केट रेगुलेटर SEBI के कामकाज में खामियों पर रिपोर्ट देनी था। रिटायर्ड जस्टिस अभय मनोहर सप्रे के नेतृत्व में कमिटी बनाई गई। इसमें SBI के पूर्व MD ओपी भट्ट, केवी कामथ, नंदन नीलेकणी, सोमशेखर सुंदरेसन और रिटायर्ड जस्टिस जेपी देवधर शामिल थे।
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